स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ गई हॉकी खिलाड़ी की चाची
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स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ गई हॉकी खिलाड़ी की चाची

Hockey Player's Aunt Died

Hockey Player's Aunt Died

सिफारिश कर पीजीआई में बैड दिलाने को गिड़गिड़ाती रही ओलंपिक खेलों में हाकी में सबसे ज्यादा गोल करने वाली गुरजीत कौर, नहीं मिल पाया बैड
बठिंडा से पीजीआई रेफर किया गया था बलजीत कौर को

चंडीगढ़, 27 अगस्त (साजन शर्मा): बिना सिफारिश आम आदमी को कैसे पीजीआई में इलाज के लिए धक्के खाने पड़ते हैं, इसकी जीती जागती मिसाल तब सामने आई जब ओलंपिक खेलों में हाकी के खेल में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा गोल दागने वाली पंजाब के अमृतसर की रहने वाली खिलाड़ी गुरजीत कौर की चाची बलजीत कौर की बुधवार रात यहां मौत हो  गई। परिजनों का पीजीआई पर आरोप है कि पांच दिनों तक बलजीत कौर इमरजेंसी में पड़ी रही लेकिन उसे इलाज तो क्या देना था, बैड तक मुहैया नहीं हो पाया।

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जानकारी के अनुसार महिला हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर की चाची बलजीत कौर को बठिंडा से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया था। उन्हें किडनियों से जुड़ी समस्या थी। यहां इलाज कराने पहुंची बलजीत कौर को पांच दिन तक स्ट्रेचर पर लिटाये रखा गया। उनकी हालत गंभीर होने के बावजूद उन्हें बैड नहीं उपलब्ध कराया गया। स्ट्रेचर पर ही उनकी मौत हो गई। परिजन बलजीत कौर के शव को पीजीआई चंडीगढ़ से अमृतसर ले गए।

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गुरजीत कौर के चाचा बलजिंदर सिंह ने बताया की उनकी पत्नी बलजीत कौर की हालत ज्यादा नाजुक थी। 22 अक्तूबर की रात बठिंडा से उसे पीजीआई,चंडीगढ़ रेफर किया गया जिसके बाद यहां लाये थे। इस दौरान कई जगह से सिफारिश लगाई लेकिन बलजीत कौर को बैड नहीं मिल पाया। उनका इलाज स्ट्रेचर पर ही किया जाता रहा। उधर बैंगलोर में ट्रायल पर गई गुरजीत कौर भी अपनी चाची बलजीत कौर को बैड दिलाने के लिए कई जगह संपर्क करती रही, लेकिन कोई बात नहीं बन पाई। बुधवार देर शाम बलजीत कौर ने आखिरी सांस ली। बलजिंदर सिंह का कहना था कि पीजीआई में सिफारिश से ही सब कुछ चलता है। नेता बीमार हो तो तुरंत इमरजेंसी में दाखिल कर उसका अच्छे से अच्छा इलाज शुरू कर दिया जाता है। प्राइवेट कमरा भी तुरंत मिल जाता है। डॉक्टर भी प्राथमिकता से उसे देखते हैं। लेकिन आम आदमी को तो इतने बड़े अस्पताल में सही इलाज तक मुहैया नहीं कराया जाता। एक साधारण सा बैड तक नहीं मिल पाता। इमरजेंसी में क्या हालात हैं, किसी से छुपा नहीं है। आम आदमी को तो यहां डॉक्टर सही से देखते तक नहीं। उन्होंने कहा कि कई बार अपनी पहचान बताई लेकिन इसके बाद भी किसी ने उनकी एक नहीं सुनी।